समझिये राजनीति का चुनावी विश्लेषण,2024 में CM नितीश PM मोदी के लिए कैसे बन सकते है बड़ा खतरा?

68

DESK – चुनावी राजनीति भी बड़ी दिलचस्प चीज है. कभी चुनावी वादों से राजनीतिक पारा चढ़ता है, तो कभी बयानों से सियासी मर्यादा गिरती है. कुछ ऐसा ही माहौल एक बार फिर से बनने लगा है, क्योंकि 2024 लोकसभा चुनाव में अब सिर्फ 8 महीने का वक्त बचा है. 2024 में मोदी को घेरने के लिए एक बार फिर से विपक्ष एकजुट होने लगा है. 2019 में नीतीश के तीर से बीजेपी भले ही बच गई हो, लेकिन 2024 को लेकर नीतीश अपने तीरों में धार रखने में जुटे हैं. ऐसा पहली बार होगा जब नीतीश लालू के साथ मिलकर एनडीए के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. मतलब साफ है कि नीतीश कुमार इस बार लालू के रथ पर सवार होकर पीएम मोदी पर तीर चलाएंगे. कांग्रेस और लेफ्ट इस चुनावी रथ के दो पहिए होंगे.

नीतीश कुमार ही वो नेता हैं जिन्होंने कुनबे में बंटे विपक्ष को एकजुट करने में बड़ी भूमिका निभाई है. अगर विपक्ष से उन्हें पीएम पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया जाएगा, तो मोदी के लिए मुश्किल काफी बढ़ सकती है. विपक्ष में नीतीश कुमार ही वो नेता हैं जो कई मायनों में पीएम मोदी की तुलना करते हैं. जिस तरह से पीएम मोदी की छवि बेदाग है, उसी तरह से नीतीश कुमार भी अपना दामन पाक-साफ रखने में कामयाब रहे हैं. 

दूसरी ओर विपक्षी गठबंधन में शामिल सभी दल पारिवारिक दबाव से जूझ रहे हैं. वो लोग अपने परिवारिक कुनबे को सेट करने में ही परेशान हैं. नीतीश कुमार को ऐसी कोई टेंशन नहीं है. लिहाजा वह पीएम मोदी के द्वारा परिवारवार के हमलों से सही सलामत बचकर निकल जाएंगे. आज की तारीख में नीतीश कुमार का कुछ भी दांव नहीं है. पीएम मोदी की तरह वह भी बोल्ड डिसीजन लेने में घबराते नहीं है. यही कारण है कि जिस राजद पार्टी के खिलाफ उन्होंने राजनीतिक पहचान बनाई, उन्हीं के साथ मिलकर सरकार चला रहे हैं. कुछ इसी तरह से पीएम मोदी ने भी जम्मू-कश्मीर में महबूबा मुफ्ती के साथ मिलकर सरकार चलाई थी. 

हालांकि, नीतीश कुमार के नाम पर शायद ही कांग्रेस पार्टी चुनावी मैदान में जाए. कर्नाटक चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस के हौंसले काफी बढ़े हुए नजर आ रहे हैं. अब वह शायद ही किसी क्षेत्रीय पार्टी के नीचे काम करने को राजी हो. बेंगलुरु बैठक में ये साफ देखने को मिला. नीतीश कुमार ने जिस विपक्षी एकता की नींव रखी थी, उसे कांग्रेस पार्टी ने हाइजैक करने की कोशिश की. इस बैठक में कांग्रेस ने साफ मैसेज दिया कि देश में मोदी के खिलाफ कांग्रेस ही एकमात्र विकल्प है. इतना ही नहीं राहुल ने साफ कर दिया कि लड़ाई अब सोनिया वर्सेस मोदी होगी, तो नीतीश कहां रहे?  

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here