रांची – झारखंड की डुमरी विधानसभा सीट पर 5 सितंबर को उपचुनाव होगा. जिसके नतीजे 8 सितंबर को घोषित किए जाएंगे. दरअसल, शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के निधन के बाद डुमरी विधानसभा सीट खाली थी. वहीं चुनाव आयोग के द्वारा तारीखों की घोषणा के बाद अब एक बार फिर चुनावी सरगर्मी बढ़ गई है. साल 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव के लिए यह बाई इलेक्शन लिटमस टेस्ट माना जा रहा है, लेकिन इसी बीच सत्ताधारी दल इस चुनाव को कोई भी चुनौती नहीं मानते तो वहीं एनडीए सरकार पर डरा हुआ रहने का आरोप लगा रही है. इस उपचुनाव की सबसे बड़ी दावेदारी आजसू की है.
रामगढ़ की मिली जीत के बाद जहां एनडीए कुनबा को आजसू पर दोगुना भरोसा है. वहीं आजसू भी उत्साह से लबरेज है. हालांकि एनडीए ने अपने पत्ते अब तक नहीं खोले है, लेकिन कयासों के बाजार में आजसू का नाम आगे है लेकिन वह चुप्पी साधे हुए है.इधर, भारतीय जनता पार्टी ने डुमरी उपचुनाव के चेहरे के सवाल पर केंद्रीय नेतृत्व का हवाला दिया है. वहीं डुमरी में हो रहे हैं सरकार के लगातार कार्यक्रम पर तंज कसते हुए कहा कि सरकार डरी हुई है. रामगढ़ के बाद अगली बारी डुमरी की है.
हालांकि चुनावों की तारीखों के ऐलान के बाद भी महागठबंधन जेएमएम कांग्रेस बहुत ज्यादा चिंतित नहीं है. जगन्नाथ महतो की लोकप्रियता और सरकार के कामों को लेकर महागठबंधन की टीम आश्वस्त है कि डुमरी उन्हीं के झोली में जाएगा.