जामताड़ा – झारखंड के जामताड़ा जिले से संचालित साइबर फ्रॉड के मामलों से लोग तो परेशान थे ही. अब विदेश में बैठे फ्रॉड की भी नजर हमारे लोगों पर आ पड़ी है. ताजा मामला तब सामने आया, जब एक युवक ने अपने जीवनसाथी की तलाश मेट्रोमोनियल ऐप के जरिए शुरू की, उसे उसकी जीवनसाथी तो नहीं मिली, लेकिन कामोडिया से बैठे साइबर फ्रॉड ने उसकी जिंदगी भर की कमाई पर हाथ साफ कर दिया. हालांकि कार्रवाई करते हुए सीआईडी ने 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों की गिरफ्तारी महाराष्ट्र पुलिस के सहयोग से औरंगाबाद से की गई है.
धनबाद के रहने वाले व्यक्ति को साइबर अपराधियों ने निशाना बनाते हुए 95 लाख की रकम की ठगी कर ली और ये पैसे 22 खातों में ट्रांसफर किए गए. दरअसल, जीवनसाथी.कॉम पर उपलब्ध प्रोफाइल के माध्यम से फिशिंग वेबसाइट www.banocoin.org पर क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के बहाने 95 लाख रुपये की ठगी की गई थी. जिसे लेकर सीआईडी रांची में आईटी अधिनियम दर्ज किया गया था.
जांच में इन फर्जी वेबसाइटों का मूल स्थान हांगकांग, चीन और कंबोडिया में पाया गया. वहीं इसके पैसे महाराष्ट्र, यूपी और दिल्ली के इंडियन बैंक खातों तक जाता है. जिसके अनुसंधान के बाद 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. जिसमें प्रतीक संतोष राव राउत और अभिषेक संतोष तुपे शामिल है. आरोपियों में एक आरोपी तो पटवारी की परीक्षा दे रहा था. जिसे परीक्षा केंद्र से ही गिरफ्तार किया गया.
मामले के अनुसंधान में ये बात सामने आई है कि ये गिरफ्तार आरोपी कोई बड़ी मछली नहीं साइबर अपराधियों के लिए कमीशन पर कार्य करने वाले शख्स है, जो महज चंद रुपयों के लिए साइबर अपराधियों के मददगार बन जाते है. सीआईडी के अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि इस गिरोह के किंगपिन अब भी फरार है. वहीं इस पूरे मामले में एक आरोपी जो एनआरआई है और फिलहाल वियतनाम में है. उसका भी बड़ा इस मामले में बड़ा हाथ है. उसे भी गिरफ्तार करने का प्रयास किया जा रहा है.
बता दें कि ये एक नए तरह का मामला झारखंड सीआईडी के लिए था और इस कारण इसमें I4C की मदद ली गई और I4C की मदद से ही इस पूरे मामले का उद्भेदन किया. वहीं 40 लाख से ऊपर की रकम को फ्रिज भी करवा दिया था. वहीं इन आरोपियों के पास से सिम कार्ड, मोबाइल, एटीएम कार्ड, पैन कार्ड, आधार कार्ड, चेक बुक सहित कई सामान बरामद किए गए है.