पटना – केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने बुधवार को धमकी भरा फोन आने का दावा किया और केंद्रीय गृह मंत्रालय से उस प्रकरण की जांच करने का आग्रह किया. पारस ने यहां पत्रकारों से कहा कि मंगलवार आधी रात के आसपास दिल्ली में उनके सरकारी आवास पर टेलीफोन पर इस तरह का कॉल आने पर उनकी ओर से संबंधित थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है.
वैशाली लोकसभा क्षेत्र के जन प्रतिनिधि पारस ने कहा, “मैंने वैशाली जिले के पुलिस अधीक्षक को भी फोन किया है क्योंकि ऐसा लगता है कि फोन वहीं से किया गया था.” पारस ने कथित तौर पर धमकी भरे कॉल का एक ऑडियो टेप भी सुनाया जिसमें कॉल करने वाले को केंद्रीय मंत्री का चेहरा काला करने की धमकी देते हुए और “ठोक देंगे” कहते हुए सुना जा सकता है.
पारस ने कहा, “मैं केंद्रीय गृह मंत्रालय को एक लिखित शिकायत भी भेज रहा हूं क्योंकि मुझे स्पष्ट रूप से अपनी जान को खतरा है. यह इस तथ्य के बावजूद है कि मैं 1970 के दशक से सार्वजनिक जीवन में हूं और मेरा कभी कोई दुश्मन नहीं रहा.” यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें इस घटना में अपने किसी परिचित के शामिल होने का संदेह है, पारस ने कहा, “कुछ लोग हैं जो मेरी राजनीतिक सफलता से ईर्ष्या करते हैं. उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र के लिए कुछ नहीं किया है और मेरा निर्वाचन क्षेत्र छीनना चाहते हैं.”
केंद्रीय मंत्री ने अपने भतीजे चिराग पासवान पर उनका नाम लिये बगैर निशाना साधते हुए कहा, “वह हाजीपुर को अपने पिता की कर्मभूमि होने के बारे में डींगें हांकते रहते हैं. उन्हें यह एहसास होना चाहिए कि मुझे इस सीट से किसी और ने नहीं बल्कि दिवंगत रामविलास पासवान ने चुनाव लड़वाया था, जो मेरे काम करने के तरीके से प्रभावित थे.
पारस ने कहा, “चाहे कुछ भी हो, मैं हाजीपुर नहीं छोड़ूंगा और अगले साल इस सीट से फिर से चुनाव लड़ूंगा.” पारस ने दो साल पहले अपने भतीजे के खिलाफ विद्रोह किया था जो उस समय दिवंगत पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी का प्रमुख थे और अब पार्टी के विभाजन के परिणामस्वरूप बनी राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख हैं. उन्होंने कहा कि उनके भतीजे के साथ मेल-मिलाप का कोई सवाल ही नहीं है. केंद्रीय मंत्री ने कहा, “अगर दो राजनीतिक दल लड़ते हैं, तो सुलह हो सकती है. लेकिन जब दिल टूट जाता है, तो वह कभी नहीं जुड़ता.