Desk – मोदी सरनेम केस में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलते ही राहुल गांधी एक्टिव हो गए हैं. राहुल को दोपहर में सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली और शाम को वो राजद सुप्रीमो लालू यादव से मिलने पहुंच गए. इस दौरान तेजस्वी यादव भी मौजूद रहे. तीनों नेताओं ने तकरीबन एक घंटे तक बंद कमरे में बातचीत की. राहुल वहां से डिनर करके ही निकले. राहुल गांधी और लालू यादव की इस मुलाकात ने दिल्ली से लेकर पटना तक माहौल अचानक बदल दिया है.
इस मुलाकात ने नीतीश कुमार के कान खड़े कर दिए हैं.
इस मुलाकात से नीतीश कुमार का प्रधानमंत्री का सपना टूटता नजर आ रहा है. दरअसल, नीतीश कुमार ने जिस विपक्षी एकता की नींव रखी थी, उसे अब कांग्रेस पार्टी हाइजेक करती दिखाई दे रही है. वो नीतीश ही हैं जिन्होंने ममता-केजरीवाल जैसे नेताओं को कांग्रेस के साथ एक मंच खड़ा कर दिया, क्योंकि पहले दोनों नेताओं को कांग्रेस से परहेज था. नीतीश ने ये काम खुद के लिए किया था. वे खुद पीएम बनने के लिए पूरे विपक्ष को एकजुट कर रहे थे, लेकिन पटना रैली में लालू ने राहुल गांधी को दुल्हा बनने की सलाह दे डाली और राहुल भी उनकी सलाह को मानने के लिए तैयार हो चुके हैं.
नीतीश कुमार के साथ लालू यादव ने किया बड़ा खेला
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि नीतीश कुमार के साथ इतना बड़ा खेला, खुद लालू यादव ने किया है. राजद पंडितों का कहना है कि लालू अपने बेटे तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं, इसीलिए उन्होंने नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री बनाने का सपना दिखाया था. नीतीश भी इस पर राजी हो गए थे. लेकिन अब राजद के साथ नीतीश की पटरी जम नहीं रही है, लिहाजा लालू भी अब राहुल गांधी का समर्थन करते हुए दिखाई दे रहे हैं.लालू यादव के करीबी राजद एमएलसी सुनील सिंह तो काफी पहले से इसके संकेत दे रहे थे. वह लगातार फेसबुक पर बिना किसी का नाम लिए व्यंगात्मक पोस्ट कर रहे हैं. वो अपने पोस्ट पर किसी का नाम तो नहीं लिख रहे हैं, लेकिन माना जा रहा है कि उनके निशाने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं. क्योंकि उनके निशाने पर नीतीश कुमार रह चुके हैं. लोगों का कहना है कि राजद अध्यक्ष लालू यादव के मना करने पर ही उन्होंने खुलकर मुख्यमंत्री का नाम लिखना बंद कर दिया है.
सुनील सिंह ने हाल ही में अपने एक पोस्ट में लिखा था कि मुझे हैरानी तब होती है जब 76 घाट का चरणामृत पिया हुआ व्यक्ति भी मुझे प्रतिबद्धता, ईमानदारी और निष्ठा की पाठ पढ़ाता है. इससे पहले उन्होंने लिखा था कि मुझे वही नसीहत दे जो लगातार 27 वर्षों तक किसी एक पार्टी में प्रतिबद्धता और निष्ठा के साथ हो! अन्यथा पिंगल पढ़ना बन्द करे.