पैरामेडिकल छात्रों के लिए गृह राज्य में एक वर्ष की सेवा अनिवार्य, हेमंत सरकार का बड़ा फैसला

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झारखंड मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को पैरामेडिकल छात्रों के लिए पढ़ाई पूरी करने के बाद एक साल तक राज्य के अस्पतालों में सेवा करना अनिवार्य कर दिया. ऐसा न करने पर उन्हें एक लाख रुपये का जुर्माना भरना होगा. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. 

कैबिनेट सचिव वंदना दादेल ने कहा, ”झारखंड में सरकारी पैरामेडिकल संस्थानों से पढ़ाई पूरी करने वाले छात्रों को एक बांड पर हस्ताक्षर करना होगा कि वे एक साल तक राज्य के अस्पतालों में सेवा करेंगे, वरना एक लाख रुपये का जुर्माना भरेंगे.” मंत्रिमंडल ने 30 प्रस्तावों को पारित किया, जिनमें राज्य में खाद्य सुरक्षा योजना के तहत हर परिवार को एक रुपये प्रति किलो की कीमत पर चना प्रदान करना भी शामिल है. 

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि उनकी सरकार मेधावी छात्रों को 100 चयनित वैश्विक प्रतिष्ठित संस्थानों में उच्च शिक्षा हासिल करने में सक्षम बनाने के लिए जल्द ही एमफिल और पीएचडी जैसे पाठ्यक्रमों के लिए सीएम फेलोशिप शुरू करेगी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार झारखंड जैसे पिछड़े राज्य में छात्रों के सपनों को साकार करने के लिए ऐसे पाठ्यक्रमों का पूरा खर्च वहन करेगी. उन्होंने कहा कि राज्य देश के 45 प्रतिशत खनिज संसाधनों के बावजूद पिछड़ा हुआ है. 

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मारंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा छात्रवृत्ति और शेवनिंग मारंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा छात्रवृत्ति के लिए चयनित 25 युवाओं को सम्मानित करते हुए कहा, “राज्य सरकार जल्द ही होनहार युवाओं के लिए मुख्यमंत्री फेलोशिप कार्यक्रम शुरू करेगी, जिसके तहत दुनिया के शीर्ष 100 विश्वविद्यालयों में पीएचडी और एमफिल जैसे पाठ्यक्रमों के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी.

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