अररिया – बिहार के अररिया जिले में पत्रकार विमल कुमार यादव की हत्या पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ‘सुशासन बाबू’ वाली छवि पर धब्बा लगता दिख रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए दुख जताया और अपराधियों पर कठोर कार्रवाई करने का वादा किया. उन्होंने कहा कि इस मामले में अधिकारियों से बात की है. उन्हें कार्रवाई का निर्देश दिया है. मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमको दुख हुआ है. दुख की बात है यह तो दिख रहा है. कोई किसी के बारे में हुआ है ये कोई न्यूज है. हम यहां आने से पहले देखे हैं न्यूज तो हमको लगा कि कैसे किसी पत्रकार का हुआ. हमने तुरंत अधिकारियों को कहा कि इसको देखिए.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पत्रकारों से कहा कि हमने अधिकारियों से कह दिया है कि अपराधी किसी भी हालत में बचने नहीं चाहिए. मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि पुलिस अपना काम कर रही है, जांच के बाद कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी. हालांकि, मुख्यमंत्री के इस बयान पर विश्वास कम हो रहा है क्योंकि प्रदेश के बेखौफ अपराधी इन दिनों पुलिस पर भी हमला करने से नहीं चूक रहे हैं. प्रदेश में जिस तरह से जघन्य घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है, उससे साफ है कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था को खुली चुनौती दी जा रही है. पत्रकार की हत्या के मामले को लेकर बिहार श्रमजीवी पत्रकार यूनियन पटना के सदस्यों ने विरोध-प्रदर्शन करके बिहार सरकार से पत्रकारों की सुरक्षा की गारंटी की मांग की है.
उधर, पत्रकार की हत्या को लेकर बीजेपी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला. सम्राट चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार शायद भूल गए होंगे कि अपराध क्या होता है. नीतीश कुमार को वीडियो फुटेज दिखाए जाने की जरूरत है कि आखिर आपराधिक घटनाएं किसे कहते हैं. सम्राट चौधरी ने कहा, बिहार में आम आदमी, पुलिसकर्मी और पत्रकार सरेआम मारे जा रहे हैं और मुख्यमंत्री राजनीति कर रहे हैं.
वहीं लोजपा (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि अपराध किसी भी तरह का हो रहा हो, इसका अर्थ यह नहीं है कि इसमें आपका कोई अपराध नहीं है. सीएम नीतीश के बयान पर पलटवार करते हुए चिराग ने कहा कि आप आंकड़ों पर मत जाइए. क्या उस पुलिस अधिकारी के घर जाकर उसके परिवार को आंकड़े बताइए, जिन्होंने अपने इकलौते कमाने वाले को खो दिया है. सीएम उस पत्रकार के घर जाकर परिवार को आंकड़े दिखाएं, जिसकी हत्या हुई है.
बिहार में अब जंगलराज की वापसी के संकेत नजर आ रहे हैं. प्रदेश में बेलगाम अपराधी पुलिस को भी निशाना बना रहे हैं. हाल में पशु-तस्करों द्वारा एक दरोगा की गोली मारकर हत्या कर दी गई. पुलिस पर हमले की खबरें पहले भी सामने आती रही हैं. बिहार के अपर पुलिस महानिदेशक ने स्वीकार किया था कि पुलिस पर हमले के मामले बढ़े हैं. उन्होंने माना कि ये हमले तब अधिक होते हैं जब पुलिस किसी बड़े अपराधी को पकड़ने जाती है या फिर शराब माफिया के खिलाफ छापेमारी होती है.