शारदा सिन्हा, जो भारतीय लोक संगीत और भोजपुरी संगीत की एक प्रमुख गायिका थीं, के निधन के बाद भारतीय राजनीति में भी गहरा शोक व्यक्त किया गया है। भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शारदा सिन्हा के अंतिम दर्शन करने की योजना बनाई है, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके निधन को अपूरणीय क्षति करार दिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने शारदा सिन्हा के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उनका संगीत भारतीय लोक कला और संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा था। उन्होंने अपनी आवाज से लाखों दिलों में घर किया और भारतीय संगीत की दुनिया को समृद्ध किया। मोदी ने अपने शोक संदेश में उनके परिवार और चाहने वालों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की हैं। शारदा सिन्हा के निधन से भारतीय लोक संगीत जगत को एक बहुत बड़ा नुकसान हुआ है। उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।
शारदा सिन्हा, जिन्हें “भोजपुरी सिंगिंग क्वीन” के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय लोक संगीत और भोजपुरी संगीत जगत की एक मशहूर और प्रतिष्ठित गायिका थीं। उनका योगदान भारतीय लोक संगीत में अतुलनीय था, और उनके गाए गीत आज भी लोगों की जुबान पर हैं। उनकी गायकी ने भोजपुरी और हिंदी भाषी क्षेत्रों में एक खास पहचान बनाई थी। शारदा सिन्हा ने अपने करियर की शुरुआत 1980 के दशक में की थी, और वे लोकगीतों, भजन, गज़ल और फिल्मी गीतों की गायिका के तौर पर लोकप्रिय हुईं। उनके कई प्रसिद्ध गीत, जैसे “भइया मेरे राखी के बंधन को निभाना” और “सजनी ससुराल”, आज भी बहुत पसंद किए जाते हैं।
उनकी आवाज़ ने न केवल भोजपुरी, बल्कि पूरे भारतीय संगीत जगत को समृद्ध किया। शारदा सिन्हा ने अपने गीतों के माध्यम से भारतीय संस्कृति, सामाजिक मुद्दों और प्रेम को बहुत खूबसूरती से प्रस्तुत किया। उनके निधन के बाद, कई नेताओं और प्रसिद्ध हस्तियों ने शोक व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जेपी नड्डा के अलावा, कई अन्य नेताओं और संगीत प्रेमियों ने उनके योगदान की सराहना करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की हैशारदा सिन्हा के निधन से भारतीय संगीत के एक युग का अंत हुआ है। उनके गाए गए गीत और उनके संगीत की छाप हमेशा लोगों के दिलों में बनी रहेगी।