बिहार – बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए खेमे में हलचल बढ़ गई है. केंद्रीय मंत्री और हम संरक्षक जीतन राम मांझी अभी से सीट शेयरिंग को लेकर प्रेशर बनाने में जुट गए हैं. मांझी के अलावा रालोजपा अध्यक्ष पशुपति पारस भी लालू यादव से नजदीकी बढ़ा रहे हैं. इस सबके बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पीएम मोदी को 32 पन्नों का एक लेटर लिखकर सियासी पारे को बढ़ा दिया है. हालांकि, सीएम ने अपने लेटर में बिहार के विकास के लिए केंद्र सरकार से मदद मांगी है. जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने राज्य के बुनियादी ढांचे और विकास परियोजनाओं के लिए केंद्र से और ज्यादा आर्थिक मदद मांगी है.
बिहार सरकार ने अपने लेटर में बाढ़ नियंत्रण और जल निकासी पर खास जोर देते हुए केंद्र सरकार का इस विषय पर ध्यान खींचा है. साथ ही प्रदेश में हवाई अड्डों के विकास और सौर ऊर्जा परियोजनाओं पर भी जोर दिया है. नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार का मानना है कि इन परियोजनाओं से राज्य का विकास होगा और लोगों को रोजगार मिलेगा. बीजेपी नेता और डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने भी इस पत्र का समर्थन किया है.
उन्होंने कहा कि बिहार के 26 जिलों में जल निकासी की बेहतर व्यवस्था के लिए अतिरिक्त पुलों और पुलियों की आवश्यकता है. उत्तर बिहार में हर साल आने वाली बाढ़ एक बड़ी समस्या है. इसके समाधान के लिए नेपाल सरकार के साथ सहयोग करके ऊंचे बांध बनाने की योजना है. इससे गंडक, कोसी और कमला नदियों में आने वाली बाढ़ को रोका जा सकेगा. उन्होंने बताया कि बाढ़ नियंत्रण के लिए बिहार सरकार ने केंद्र से 13,000 करोड़ रुपये मांगे हैं. इसके अलावा राज्य सरकार ने अतिरिक्त उधार की सीमा बढ़ाने की भी मांग की है.