बगहा – बगहा में इंडो नेपाल सीमा से होकर गुजरने वाली गंडक नदी अपने उफान पर है. इसी गंडक नदी में जान जोखिम में डाल कर नाबालिग बच्चे लकड़ी छान रहे हैं. वह भी थर्मोकोल के ज़रिए स्टंट मारकर जो जानलेवा साबित हो सकता है. उफनाई व बौराई गण्डक नदी में स्टंट की तस्वीरें ज़ी मीडिया के कैमरे में कैद हो.
दरअसल बेतिया गोरखपुर मुख्य सड़क NH-727 किनारे बगहा के मंगलपुर औसानी पंचायत कार्यालय के पीछे से होकर गंडक नदी बहती है. जिसका पानी लोगों के घरों के पास तक पहुंच गया है. इसी बलखाती नदी के पानी में दर्जनों नाबालिग बच्चे थर्मोकोल की मदद से नदी के बीच धारा तक पहुंच जा रहे हैं और जलावन समेत फर्नीचर बनाने के उपयोग में लाई जाने वाली लकड़ी छानकर बाहर ला रहे हैं. इस काम में उनके अभिभावक भी मदद कर रहे हैं. क्योंकि उनकी तरफ से कोई मनाही नहीं की जा रही है. मौके पर मौजूद लकड़ी छान रहे बच्चों और अभिभावकों ने बताया की अचानक नदी में रात पानी बढ़ गया है जिसमें कीमती लकड़ियां बहकर आ रहीं हैं और बच्चे मौत का स्टंट लगाकर लकड़ी इकट्ठा कर रहे हैं
बता दें की वाल्मीकीनगर गंडक बराज नियंत्रण कक्ष द्वारा गंडक नदी में इस वर्ष का सर्वाधिक 2 लाख 93 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. हालांकि फिलहाल गंडक नदी में 2 लाख 80 हजार पानी का डिस्चार्ज आंका गया है. जिसको लेकर गंडक बराज भी हाई अलर्ट पर है और अभियंताओं को 24 घंटे सतत निगरानी का आदेश दिया गया है. आशंका जताई जा रही है की गंडक नदी का बढ़ा हुआ जलस्तर निचले इलाकों में तबाही मचा सकता है.
यही नहीं जैसे ही गंडक नदी का जलस्तर 2 लाख 50 हजार के पार पहुंचा तो एहतियातन तौर पर सभी सहायक नहरों में पानी की सप्लाई बंद कर दी जाती है. साथ ही पुनः 2 लाख 50 हजार क्यूसेक से कम पानी होने पर इन नहरों में पानी सप्लाई किया जाता है.ऐसे में एक तरफ जहां प्रशासन ने जलस्तर की भयावहता देखते हुए नदी में नाव के संचालन पर रोक लगा दी है औऱ नदी तट पर जाने से मनाही की जा रही है तो वहीं दूसरी तरफ लकड़ी छानने के लिए नाबालिगों की टोली खुद मौत को दावत दे रही है. जिसपर समय रहते पुलिस प्रशासन को रोक लगानी चाहिए नहीं तो किसी भी बड़े खतरे की आशंका से मुंह नहीं मोड़ा जा सकता है.