बिहार की राजधानी पटना के गांधी मैदान में गांधी मूर्ति के नीचे जनसुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर बीपीएससी अभ्यर्थियों के समर्थन में आमरण अनशन पर बैठे हैं. अभ्यर्थियों के साथ गांधी मैदान में पीके रात बिताई. इस दौरान उन्होंने कहा कि बीपीएससी के अभ्यर्थी चाहते है पूरी परीक्षा रद्द हो. इस बीच पटना के एसडीएम (SDM) गौरव कुमार ने गांधी मैदान में प्रशांत किशोर की भूख हड़ताल को अवैध बताया है.उन्होंने ने जन सुराज पार्टी प्रमुख प्रशांत किशोर के धरने पर कहा कि पटना हाई कोर्ट की तरफ से निर्धारित किया गया है कि पटना में केवल गर्दनीबाग ही एक धरना स्थल चिह्नित किया गया है. उसके अलावा कहीं और प्रदर्शन करना अवैध मानना जाता है. इसलिए गांधी प्रतिमा के पास जो धरना दिया जा रहा है ये अवैध है…उन्हें नोटिस दिया गया है कि जो भी धरना प्रदर्शन करना है वो अवैध तरीके से किया जाए… उन्हें समय दिया जाएगा और उसके बाद विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी.पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने भी प्रशांत किशोर के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है. उन्होंने केस दर्ज करने साथ-साथ धरना हटाने का आदेश दिया है. पटना के डीएम ने धरने को गैरकानूनी बताया है.
बता दें कि प्रशांत किशोर पांच मांग लेकर धरने पर बैठे हैं. जिसमें 70वीं बीपीएससी में हुई अनियमितता और भ्रष्टाचार की उच्च स्तरीय जांच हो और पुनः परीक्षा कराई जाए. साल 2015 में सात निश्चय के तहत किए गए वादे के अनुसार 18 से 35 साल के हर बेरोजगार युवा को बेरोजगारी भत्ता दिया जाए. पिछले 10 वर्षों में प्रतियोगी परीक्षाओं में हुई अनियमितता और पेपर लीक की जांच और दोषियों पर की गई कार्रवाई का श्वेत पत्र जारी किया जाए. लोकतंत्र की जननी बिहार को लाठी तंत्र बनाने वाले दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए. बिहार की सरकारी नौकरी में बिहार के युवाओं को कम से कम दो तिहाई हिस्सेदारी सुनिश्चित करने के लिए डोमेसाइल नीति लागू की जाए.