राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद उनसी लोकसभा में वापसी का पार्टी कार्यकर्ताओं को बेसब्री से इंतजार है। संसद के मौजूदा मानसून सत्र में राहुल गांधी की वापसी हो गई है। राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल हो गई है। इस संबंध में आधिकारिक अधिसूचना जारी हो गई है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा शुक्रवार (4 अगस्त) को ‘मोदी’ सरनेम टिप्पणी मामले में उनकी सजा पर रोक लगाने के बाद लोकसभा सचिवालय ने वायनाड से सांसद राहुल गांधी की सदस्यता बहाल कर दी है। लोकसभा के अधिकारियों ने पहले कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले की कॉपी को पढ़ने के बाद जरूरी कदम उठाए जाएंगे। माना जा रहा है कि राहुल गांधी अविश्वास प्रस्ताव पर होने वाली चर्चा में शामिल हो सकते हैं।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल करने का मार्ग प्रशस्त करते हुए मोदी सरनेम को लेकर की गई टिप्पणी के संबंध में 2019 में उनके खिलाफ दर्ज आपराधिक मानहानि मामले में शुक्रवार को उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगा दी। 53 वर्षीय गांधी लोकसभा में केरल की वायनाड सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे थे।
दोषसिद्धि पर यह रोक इस आधार पर लगाई गई कि गुजरात के सूरत की अदालत यह बताने में विफल रही कि दोषी ठहराए जाने पर राहुल गांधी अधिकतम दो साल की सजा के हकदार क्यों थे, जिसके कारण उन्हें संसद के निचले सदन से अयोग्य घोषित कर दिया गया। शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि अगर सजा एक दिन भी कम होती तो वह संसद से अयोग्य करार नहीं होते। न्यायालय के इस फैसले के बाद गांधी 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ सकेंगे।
कोर्ट ने ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं कि गांधी के बयान ठीक नहीं थे और सार्वजनिक जीवन में रहने वाले व्यक्ति से सार्वजनिक भाषण देते समय सावधानी बरतने की अपेक्षा की जाती है। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि गांधी की दोषसिद्धि और उसके बाद संसद की सदस्यता से अयोग्य करार दिए जाने से न केवल सार्वजनिक जीवन में बने रहने का उनका अधिकार प्रभावित हुआ, बल्कि मतदाताओं के अधिकार को भी प्रभावित किया, जिन्होंने उन्हें अपने निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना था।
शीर्ष अदालत गुजरात हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली राहुल की एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी। हाई कोर्ट ने सूरत से बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी द्वारा दायर मानहानि मामले में कांग्रेस नेता की दोषसिद्धि पर रोक लगाने के अनुरोध वाली उनकी याचिका खारिज कर दी थी।
राहुल गांधी ने अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगने से इनकार कर दिया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया था कि उनकी टिप्पणी के कारण शुरू आपराधिक मानहानि मामले में उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाई जाए और जोर दिया था कि वह दोषी नहीं हैं।