लालू प्रसाद यादव समझते हैं कि हरियाणा, महाराष्ट्र और दिल्ली विधानसभा चुनावों में बंपर जीत के बाद भाजपा के हौंसले बुलंद हैं और विपक्षी दलों में निराशा के बादल छा गए हैं. उसी बादल को छांटने के लिए लालू प्रसाद यादव ने गुरुवार को भाजपा नेताओं के दावे को कमतर करने की कोशिश की.
पटना : दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की बड़ी जीत के बाद जहां पार्टी के हौंसले बुलंद हैं, वहीं विपक्षी दलों की तरफ से तरह तरह के रिएक्शन आ रहे हैं. इसी कड़ी में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने गुरुवार सुबह यह कहकर बम फोड़ दिया था कि हमारे रहते भाजपा यहां सरकार नहीं बना सकती. लालू प्रसाद यादव ने दावा किया कि इस बार भाजपा की सत्ता चली जाएगी और यहां दिल्ली चुनाव परिणामों का कोई असर नहीं होने वाला है. यह कहते हुए लालू प्रसाद यादव यह भूल गए कि उनके रहते हुए पिछले 20 साल से एनडीए की सरकार काबिज है. बीच में दो ढाई साल के अंतराल को छोड़ दें तो. अब लालू प्रसाद यादव पूछ रहे हैं कि भाजपा कैसे बना लेगी सरकार? हमारे रहते भाजपा सरकार बना लेगी? लालू प्रसाद यादव ने कहा, भाजपा को लोग जान गए हैं. अब वह कभी सत्ता में नहीं आएगी.दरअसल, पहले हरियाणा उसके बाद महाराष्ट्र और अब दिल्ली विधानसभा चुनाव में मिली बंपर जीत के बाद भाजपा के हौंसले बुलंद हैं और बिहार में एनडीए के कुछ नेताओं ने विधानसभा चुनाव में 225 का टारगेट सेट कर दिया है. इससे पहले एनडीए नेताओं ने 210 सीटों का टारगेट रखा था, लेकिन दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद मिशन 225 की गूंज सुनाई देने लगी है. लालू प्रसाद यादव समझते हैं कि हरियाणा, महाराष्ट्र और दिल्ली विधानसभा चुनावों में बंपर जीत के बाद भाजपा के हौंसले बुलंद हैं और विपक्षी दलों में निराशा के बादल छा गए हैं. उसी बादल को छांटने के लिए लालू प्रसाद यादव ने गुरुवार को भाजपा नेताओं के दावे को कमतर करने की कोशिश की.
दरअसल, राजद सुप्रीमो को पता है कि जिस तरह दिल्ली विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल का करिश्मा दांव पर था, बिहार विधानसभा चुनाव में लालू परिवार का करिश्मा कसौटी पर कसी जाएगी. लालू प्रसाद यादव अपने खांटी यादव और मुसलमान वोटों को एड्रेस कर रहे हैं तो तेजस्वी यादव युवाओं, महिलाओं, लड़कियों और बुजुर्गों को अपनी ओर लुभाने की कोशिश में लगे हुए हैं.इसलिए तेजस्वी यादव ने माई बहिन योजना, 200 यूनिट बिजली फ्री और सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि में भी भारी वृद्धि करने का वादा किया हुआ है. महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश की तरह झारखंड में महिलाओं के लिए लांच की गईं योजनाओं ने राजनीतिक दलों को जबर्दस्त फायदा दिया था, लालू और तेजस्वी यादव ने इसी को देखते हुए महिलाओं, युवाओं और बुजुर्गों को साधने की कोशिश की है.
लालू प्रसाद यादव कहते हैं कि हमारे रहते कैसे भाजपा सरकार बना लेगी? शायद वे भूल गए हैं कि 2005 के बाद किसी भी विधानसभा चुनाव में राजद इस स्थिति में नहीं आई है कि वह अपनी सरकार बना सके. 2020 के विधानसभा चुनाव में राजद जरूर मुकाबले में थी और बहुत कम अंतर से वह सरकार बनाते बनाते रह गई थी. राजद तब विधानसभा में 75 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी भी बन गई थी.नीतीश कुमार ने 2015 में लालू प्रसाद यादव से नजदीकी बढ़ाई और महागठबंधन में शामिल हुए थे तब सरकार बनाने का मौका मिला था और सरकार बनी भी थी, लेकिन वह सरकार डेढ़ साल से ज्यादा नहीं चल सकी और नीतीश कुमार राजद से नाता तोड़कर एनडीए का दामन थामकर आगे निकल गए. लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव तब मुंह ताकते रह गए थे.