मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आगामी 23 दिसंबर से ‘प्रगति यात्रा’ पर निकलने वाले हैं. उनकी प्रगति यात्रा का पहला चरण 23 दिसंबर से शुरू होगा और इसका समापन 28 दिसंबर को होगा. इस दौरान मुख्यमंत्री बिहार के 5 जिलों की यात्रा करेंगे. सीएम नीतीश की यात्रा पर नेता-प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने तंज कसा है. तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री से 10 सवाल पूछें और कहा कि किसी भी यात्रा पर निकलने से पहले मेरे इन वाजिब सवालों का जवाब दें. तेजस्वी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी आदत, चरित्र, चाल- चलन एवं चंचलता के चलते एक पखवाड़े में एक ही यात्रा का कई बार नाम बदल चुके है.
तेजस्वी यादव ने आगे लिखा कि पहले महिला संवाद, फिर समाज सुधार और अब प्रगति यात्रा. यह दर्शाता है कि वो मानसिक रूप से कितने अशांत व अस्थिर हो चुके हैं. नेता-प्रतिपक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री जी, किसी यात्रा पर निकलने से पूर्व इन वाज़िब सवालों के जवाब दें. इसके बाद उन्होंने अपने 10 सवाल पूछे.
1. 2023 में समाधान यात्रा के दौरान जनप्रतिनिधियों द्वारा उठाई गयी कितनी समस्याओं का समाधान उनके द्वारा अभी तक किया गया है?
2. समाधान यात्रा में दर्ज की गयी कितनी समस्याएँ अभी भी उनके आश्वासन व निर्देश के बावजूद यथावत है? क्या उन समस्याओं के यथावत रहने के दोषी वो नहीं है?
3. मुख्यमंत्री के जनता दरबार में नागरिकों द्वारा की गयी जन शिकायतों का निवारण अभी तक क्यों नहीं हुआ है?
4. जनप्रतिनिधियों के जन सरोकारों/शिकायतों/जन समस्याओं को दरकिनार कर इन्होंने आख़िर में चंद अधिकारियों की ही बातें सुननी है तथा अपनी ही रटी-रटाई, घिसी-पीटी बातें सुनानी है तो एकालाप से परिपूर्ण इस यात्रा का फायदा क्या?
5. जब जनता से संवाद करना ही नहीं तो उड़न खटोले से यात्रा कर अधिकारियों संग चाय-पानी में अरबों रुपए खर्च क्यों कर रहे है?
6. क्या किसी संवाद में गरीब राज्य का 225,7800000₹ अल्पाहार और सोशल मीडिया के प्रचार में खर्च करना जायज़ है?
7. क्या यह यात्रा अधिकारियों को लूट की छूट यात्रा नहीं है?
8. क्या इस यात्रा में वो घर-घर मिल रही शराब, शराबबंदी में पुलिस की मिलीभगत तथा शराबबंदी की विफलता की प्रगति की समीक्षा करेंगे?
9. क्या यह टायर्ड मुख्यमंत्री और रिटायर्ड अधिकारी द्वारा जिलास्तरीय अधिकारियों को तबादले की चेतावनी एवं धमकी देकर उगाही करने संबंधित यात्रा नहीं है?
10. क्या यह मुख्यमंत्री की थानों और ब्लॉक में व्याप्त भ्रष्टाचार की प्रगति को गति देने की यात्रा है?
इस यात्रा पर तंज कसते हुए लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने एक्स पर लिखा कि पहले महिला संवाद यात्रा, फिर समाज सुधार यात्रा और अब प्रगति यात्रा. यात्रा एक मगर नाम में फेरबदल अनेक. नाम तय करने में अनिश्चितता से ही मानसिक अस्थिरता जाहिर होती है. कहीं ऐसा न हो कि यात्रा का अगला नाम “विपत्ति यात्रा” हो जाए!!