देश – मोदी सरकार ने आने वाले चुनावों को ध्यान में रखते हुए आम लोगों को महंगाई से थोड़ी राहत दी है. रक्षाबंधन से एक दिन पहले मोदी कैबिनेट की बैठक में फैसला लिया गया कि रसोई गैस सिलेंडर पर 200 रुपये की छूट दी जाएगी और जो लोग उज्ज्वला योजना के तहत आते हैं, उन्हें 200 रुपये की और छूट मिलेगी. इस तरह उन्हें 400 रुपये की छूट दी जाएगी. महंगाई से जूझ रही जनता के लिए मोदी सरकार की यह राहत रास आएगी. बताया जा रहा है कि इस योजना से सरकार को 7,500 करोड़ रुपये का बोझ आएगा. मोदी सरकार ने 1 मार्च 2023 को अंतिम बार रसोई गैस सिलेंडर के दाम में बदलाव किया था. उस समय एलपीजी के रेट में 50 रुपये का इजाफा हुआ था. अब बड़ा सवाल यह है कि रसोई गैस सिलेंडर के रेट में कटौती के बाद क्या मोदी सरकार पेट्रोल और डीजल के रेट में कोई कमी करने वाली है.
पिछले कुछ समय से देश के कई हिस्सों में पेट्रोल और डीजल 100 रुपये प्रति लीटर की सीमार पार कर गए हैं. पेट्रोल और डीजल के रेट में कटौती की मांग को लेकर मोदी सरकार पर विपक्षी दल अकसर हमला बोलते रहते हैं. विपक्षी दलों का तर्क यह होता है कि मनमोहन सिंह के समय अंतरराष्ट्रीय मार्केट में तेल की कीमतें अधिक होती थीं और घरेलू मार्केट में जब पेट्रोल—डीजल के दाम बढ़ते थे तो नरेंद्र मोदी अकसर तत्कालीन पीएम का मजाक उड़ाते थे. आज जब खुद नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं और अंतरराष्ट्रीय मार्केट में तेल के दाम कम हैं फिर भी घरेलू मार्केट में कीमतें 100 रुपये प्रति लीटर पार कर गई हैं और कई जगह तो पार करने वाली हैं. इन सब बातों को लेकर नरेंद्र मोदी की सरकार आलोचनाओं के घेरे में रहती है.
बता दें कि पिछले साल जब रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई शुरू हुई तो अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल और गैस की कीमतों में उछाल आया था. उस समय मई 2022 में मोदी सरकार ने पीएम उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को 12 सिलेंडर रिफिल कराने पर 200 रुपये प्रति सिलेंडर सब्सिडी देना शुरू किया था. बाद में इसकी मियाद 31 मार्च 2024 तक बढ़ा दी गई थी. लेकिन देश में पेट्रोल और डीजल के दाम में पिछले एक साल से कोई कटौती नहीं की गई है. इसलिए बताया जा रहा है कि रसोई गैस के बाद मोदी सरकार पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भी जल्द ही बड़ी कटौती की घोषणा कर सकती है.
पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भी इस बात के संकेत दिए थे. एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में पुरी ने कहा था, पेट्रोल की कीमतें अप्रैल 2022 से नहीं बढ़ी हैं. इसका श्रेय पीएम मोदी के शानदार नेतृत्व को जाता है. पुरी ने यह भी कहा था कि अगर दुनिया भर में ऐसी ही स्थिति रही तो तेल की कीमतों में 100 प्रतिशत कमी की जा सकती है. इसके अलावा केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड के चेयरमैन विवेक जौहरी ने पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के संकेत दिए थे. जौहरी ने कहा था, इस बात को लेकर दुनिया भर में चल रहे मॉडल को भारत में भी लागू किया जा सकता है. या इसके लिए अलग फॉर्मूले को भी अपनाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि लंबे समय से इस पर मंथन चल रहा है और यह संभव है.